29-Mar-2022 07:52 PM
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नयी दिल्ली 29 मार्च (AGENCY) केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) मंत्री नारायण राणे ने मंगलवार को कहा कि इस क्षेत्र की इकाइयां देश की आर्थिक वृद्धि की रफ्तार की गति बढ़ाने की एजेंट हैं और उन्हें अंगुली का सहारा देने तथा मजबूत करना बहुत जरुरी है।
श्री राणे ने कहा कि लंबे समय तक भारत में एमएसएमई क्षेत्र को सीमित संसाधनों के साथ जीना पड़ा, पर इस क्षेत्र ने देश की अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान किया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार एमएसएमई इकाइयों के महत्व को देखते हुए उन्हें मजबूत करने के लिए बड़े पैमाने पर सामूहिक प्रयास कर रही है। श्री राणे राष्ट्रीय राजधानी में भारत के एमएसएमई क्षेत्र की प्रतिस्पर्धा क्षमता बढ़ाने के विषय पर दो दिवसीय संगोष्ठि का उद्घाटन कर रहे थे। इसका आयोजन अहमदाबाद के संगठन एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (ईडीआईआई) ने एमएसएमई मंत्रालय के सहयोग से किया है। उद्घाटन सत्र को एमएसएमई मंत्रालय में राज्य मंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा ने भी संबोधित किया।
श्री राणे ने कहा,वर्तमान सरकार ने अब यह अच्छी तरह सुनिश्चित किया है कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम आकार के उद्यमों को वित्तीय संस्थाओं से बिना बाधा के कर्ज मिले, उन्हें विकास और आधुनिकीकरण के लिए नयी प्रौद्योगिकी मिलें, उन्हें निर्यात बाजार मिलने में आसानी हो, उनके लिए बुनियादी सुविधाएं अच्छी हों, उन्हें प्रशिक्षण का लाभ मिलें, क्षमता बढ़ाने की सुविधा हो और उनमें कार्यरत श्रमिकों के कल्याण में वृद्धि हो।
उन्होंने कहा, “सरकार ने एमएसएमई क्षेत्र की इकाइयों के लिए नए अवसर उत्पन्न करने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं।” इस क्षेत्र को मजबूत करने के लिए मिल-जुलकर प्रयास किए जा रहे हैं।
राज्यमंत्री ने कहा कि भारत के लिए आर्थिक क्षेत्र संबंधित फैसलों और रणनीतियों के मामले में यह एक उल्लेखनीय कालखंड हैं। देश उद्यमशीलता, स्टार्ट-अप और नवप्रवर्तन के प्रवेश तथा एमएसएमई इकाइयों को प्रोत्साहित कर अपनी स्थिति को मजबूत कर रहा है। आज सरकारी नीतियों में प्रगतिशील बदलाव सुधार हो रहे हैं।
ईडीआईआई के महानिदेशक डॉ सुनिल शुक्ला ने कहा कि उनका संगठन मंत्रालय के साथ मिलकर संकुल विकास, प्रशिक्षण, क्षमता निर्माण, अनुसंधान और नीतिगत सुझावों के लिए कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर काम कर रहा है।
इस सम्मेलन में भारत के अलावा सिंगापुर, पेरु, लाओस, रवांडा, म्यांमार, रूस, उज्बेकिस्तान, स्पेन और ईरान के विशेषज्ञ अपने देश के अनुभव प्रस्तुत करेंगे।...////...