‘मोनोकल्चर’ खेती की समस्याओं का समाधान नहीं, इसमें विविधता जरूरी है : मोदी
12-Sep-2022 12:41 PM 1234666
गौतमबुद्धनगर, 12 सितंबर (संवाददाता) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्व समुदाय से खेती की वैज्ञानिक एवं पारंपरिक विधियां अपनाकर कृषि क्षेत्र को विविधतापूर्ण तरीके से आगे बढ़ाने का आह्वान करते हुए कहा है कि एक ही तरह की पद्धति पर आधारित ‘मोनोकल्चर’ खेती की समस्याओं का समाधान नहीं है। मोदी ने सोमवार काे उत्तर प्रदेश में गौतमबुद्धनगर के ग्रेटर नोएडा में आयोजित अंतरराष्ट्रीय डेयरी सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि खेती की समस्याओं के लिये ‘मोनोकल्चर’ ही एकमात्र समाधान नहीं है, बल्कि इसमें विविधता बहुत आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यह बात पशुपालन पर भी लागू होती है। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केन्द्रीय मत्स्य एवं पशुपालन मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला और अंतरराष्ट्रीय डेयरी संघ के प्रतिनिधि तथा विभिन्न देशों से आये विशेषज्ञ भी मौजूद थे। चार दिन तक चलने वाले इस सम्मेलन का भारत में 48 साल बाद आयोजन हो रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने 50 देशों से आये प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा, “खेती में मोनोकल्चर ही समाधान नहीं है, बल्कि विविधता बहुत आवश्यकता है। ये पशुपालन पर भी लागू होता है। इसलिए आज भारत में देसी नस्लों और हाइब्रिड नस्लों, दोनों पर ध्यान दिया जा रहा है।” इस दौरान उन्होंने भारत में विषमतम जलवायु परिस्थितियाें में सहजता से पालने याेग्य दुधारु पशुओं की देसी नस्लों का जिक्र करते हुए गुजरात के कच्छ इलाके की बन्नी भैंस की खूबियों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर डेयरी सेक्टर, न सिर्फ विश्व अर्थतंत्र को मजबूती देता है, बल्कि करोड़ों परिवारों की आजीविका को भी बल देता है। मोदी ने कहा कि भारत के डेयरी क्षेत्र की पहचान अत्यधिक दुग्ध उत्पादन (मास प्रोडक्शन) करने से ज्यादा, बहुतायत में लोगों द्वारा दुग्ध उत्पादन करने (प्रोडक्शन बाइ मासिस) वाले देश की है। इसीलिये भारत का डेयरी क्षेत्र सहकारी मॉडल पर आधारित है, जिसकी मिसाल दुनिया में कहीं और नहीं मिलती है। इस कारण बिचौलियों के अभाव में भारत के दुग्ध उत्पादकों को अधिकतम लाभ मिल पाता है। प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के पशुपालन क्षेत्र में नारी शक्ति के अग्रणी योगदान को विश्व फलक पर ले जाने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा, “भारत के डेयरी सेक्टर में 70 प्रतिशत नारी शक्ति का प्रतिनिधित्व है। भारत के डेयरी सेक्टर की असली कर्णधार महिलायें हैं। इतना ही नहीं, भारत के डेयरी कॉपरेटिव्स में भी एक तिहाई से ज्यादा सदस्य महिलाएं ही हैं।” उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में नारी शक्ति के योगदान को दुनिया भर में उचित पहचान दिलाने की जरूरत है।...////...
© 2025 - All Rights Reserved - timespage | Hosted by SysNano Infotech | Version Yellow Loop 24.12.01 | Structured Data Test | ^