23-Nov-2023 09:02 PM
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नयी दिल्ली, 23 नवंबर (संवाददाता) भारी मशीनरी के घरेलू विनिर्माण पर एक उच्च स्तरीय समिति ने कोयला मंत्रालय को सौंपी गयी रिपोर्ट में कोल इंडिया लि. (सीआईएल) के मौजूदा उपकरण मानकीकरण प्रयास के अनुरूप, कैप्टिव/वाणिज्यिक खदान ऑपरेटरों एमडीओ/आउटसोर्सिंग ठेकेदारों और विभागीय उपकरणों के लिए घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने हेतु उपकरणों के मानकीकरण की सिफारिश की है। कोयला मंत्रालय की एक विज्ञप्ति के अनुसार सीआईएल के निदेशक (तकनीकी) की अध्यक्षता में एक अंतःविषय उच्च-स्तरीय समिति का गठन हैवी अर्थ मूविंग मशीनरी (एचईएमएम) और हाई वॉल माइनर्स, मानक तथा कम क्षमता वाले खनिक एवं संबंधित सहायक उपकरण सहित भूमिगत खनन उपकरणों के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए सिफारिशें प्रदान करने के लिये किया गया था। रिपोर्ट में निविदा शर्तों में “मेक इन इंडिया” मिशन का समर्थन करने के लिए स्वदेशी उपकरणों के उपयोग को बढ़ावा देना चाहिये। इसके अलावा, मेक इन इंडिया पहल के तहत पांच साल के लिये भारत में उपकरण डिजाइन करने, विकसित करने और बनाने के लिए निर्माताओं को प्रोत्साहित करने के लिए एक योजना का भी सुझाव दिया गया है। यह अनुमान है कि कोयला 2030 के बाद भी प्रमुख ऊर्जा स्रोत के रूप में बना रहेगा। इस प्रकार, समिति को देश में अगले 10 वर्षों में खुली खदानों और भूमिगत खदानों दोनों के लिए उपकरणों की भारी आवश्यकता की उम्मीद थी और उसने अपनी अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत की। इस समिति में भारी उद्योग मंत्रालय, रेल मंत्रालय, एससीसीएल, एनएलसीआईएल, एनटीपीसी, डब्ल्यूबीपीडीसीएल, बीईएमएल, कैटरपिलर, टाटा हिताची, गेनवेल, उद्योग संघ और विभिन्न हितधारकों के प्रतिनिधि शामिल थे। (सीआईएल) वर्तमान में इलेक्ट्रिक रोप शॉवेल्स, हाइड्रोलिक शॉवेल्स, डंपर, क्रॉलर डोजर, ड्रिल, मोटर ग्रेडर और फ्रंट-एंड लोडर व्हील डोजर जैसे उच्च क्षमता वाले उपकरण का आयात करता है, जिनकी कीमत 3500 करोड़ रुपये है और जिससे सीमा शुल्क में 1000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च होता है। इन आयातों पर अंकुश लगाने और घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए सीआईएल ने अगले छह वर्षों में आयात को धीरे-धीरे समाप्त करने की एक रणनीतिक योजना तैयार की है। इसका उद्देश्य घरेलू स्तर पर निर्मित उपकरणों को प्रोत्साहित और विकसित करना है। खास बात यह है कि उच्च क्षमता वाली मशीनें पहले से ही घरेलू निर्माताओं से खरीदी जा रही हैं।...////...