गहलोत ने विभिन्न प्रस्तावों को दी मंजूरी
24-May-2022 08:04 PM 1234661
जयपुर, 24 मई (AGENCY) राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चिकित्सा महाविद्यालय अजमेर में बाल रोग एवं नवजात विज्ञान संस्थान की स्थापना के लिए 22.76 करोड़ रूपए के बजट एवं मसालों की खेती के लिए किसानों को ग्यारह लाख के अनुदान के प्रस्ताव सहित विभिन्न प्रस्तावों को आज मंजूरी दी। श्री गहलोत की बजट घोषणा 2022-23 के बिंदु संख्या 14 की अनुपालना में बाल रोग एवं नवजात विज्ञान संस्थान के निर्माण में सिविल कार्य की मद में 13.13 करोड़ रूपय एवं उपकरण खरीद के लिए 9.63 करोड़ रूपए के प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजे गए थे। उल्लेखनीय है कि बजट भाषण 2022-23 में 250 करोड़ रूपय की लागत से जयपुर, जोधपुर, अजमेर एवं कोटा में नए मेडिकल संस्थान खोलने की घोषणा की गई थी। इसी तरह श्री गहलोत ने मसाला बगीचा स्थापना हेतु क्षेत्र विस्तार के लिए 11 लाख रूपए के वित्तीय प्रस्ताव को मंजूरी दी है। यह अनुदान राशि वर्तमान वित्त वर्ष से ही मुख्यमंत्री कृषक साथी योजना के तहत उपलब्ध कराई जाएगी। प्रदेश में मसाला फसलों की खेती को प्रोत्साहन देने के लिए लाई गई इस योजना में लाभान्वित होने वाले किसानों में न्यूनतम 50 प्रतिशत लघु एवं सीमांत किसानों को शामिल करने का प्रावधान किया गया है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2022-23 की कृषि बजट घोषणा संख्या 133 के तहत इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। मुख्यमंत्री ने नागरिक सुरक्षा प्रशिक्षण संस्थान के लिए 41 पदों के सृजन के प्रस्ताव को भी स्वीकृति दी है। संस्थान का संचालन जयपुर के दौलतपुरा (जमवारामगढ़) में होगा। इससे प्रदेश के युवाओं को आपदा में लोगों की मदद करने सहित आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इससे राज्य में नागरिक सुरक्षा की टीम और मजबूत हो जाएगी। संस्थान में सृजित पदों में निदेशक, उप निदेशक, चिकित्सा अधिकारी, सहायक नियंत्रक, पुस्तकालय सहायक, स्टोर कीपर, अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी, सहायक प्रशासनिक अधिकारी और स्टेनो के एक-एक पद हैं। साथ ही सहायक निदेशक के चार पद, नागरिक सुरक्षा अनुदेशक के दो पद, वरिष्ठ प्रदर्शक के दो पद, कनिष्ठ प्रदर्शक के सात पद, पैरामेडिकल स्टाफ के दो पद, वरिष्ठ सहायक के दो पद, कनिष्ठ सहायक के तीन पद, वाहन चालक के पांच पद और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पांच पद सृजित किए गए हैं। इसके अलावा श्री गहलोत ने राजस्थान इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी (आरइवीपी) को मंजूरी दी है। साथ ही, ऐसे वाहनों की खरीद को प्रोत्साहन देने के लिए प्रस्तावित एकमुश्त अंशदान और एसजीएसटी पुनर्भरण के लिए 40 करोड़ रूपए के अतिरिक्त बजट प्रावधान को स्वीकृति दी है। इस नीति के लागू होने से प्रदेश में डीजल-पेट्रोल के वाहनों द्वारा होने वाले प्रदूषण में कमी आएगी। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2019-20 के बजट में इलेक्ट्रिक व्हीकल नीति लाने की घोषणा की गई थी। उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार सभी प्रकार के ई-व्हीकल्स के संचालन को प्रोत्साहन देने के लिये प्रतिबद्ध है। घोषणा के अनुसार इन वाहनों के क्रेताओं को एसजीएसटी का पुनर्भरण किए जाने के साथ ही, ऐसे वाहनों की खरीद को प्रोत्साहन देने के लिए एकमुश्त अनुदान के रूप में बैटरी क्षमता अनुसार दुपहिया वाहनों को पांच से दस हजार रूपए प्रति वाहन एवं तिपहिया वाहनों को 10 से 20 हजार रूपए प्रति वाहन दिया जाएगा। प्रदेश में ई-व्हीकल्स को मोटर व्हीकल टैक्स के दायरे से भी बाहर रखा गया है। नई नीति में ई-व्हीकल विक्रेताओं को सभी प्रकार का पुनर्भरण सात दिनों में करने का प्रावधान किया गया है।...////...
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