एनएचआरसी ने एनसीपीसीआर पर हमला करने को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस जारी किया
22-Jun-2023 10:07 AM 1234685
नयी दिल्ली, 21 जून (संवाददाता) राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने एक घटना की जांच से संबंधित राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) टीम पर कोलकाता पुलिस अधिकारियों द्वारा हमला करने पर पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस जारी किया है। एनएचआरसी ने कहा कि पश्चिम बंगाल के तिलजला क्षेत्र में सात वर्षीय एक बालिका की संदिग्ध मौत की जांच के दौरान कोलकाता पुलिस अधिकारियों ने गत 31 मार्च को एनसीपीसीआर के अध्यक्ष के नेतृत्व वाली टीम द्वारा की जा रही जांच में बाधा डाली। एनएचआरसी ने कहा कि एनसीपीसीआर टीम पर कथित तौर पर हमला किया गया और उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई। उन्होंने कहा, एनसीपीसीआर पर हमला उस वक्त किया गया, जब वे जांच के दौरान पीड़िता के माता-पिता के साथ उनकी बातचीत को रिकॉर्ड करने के लिए पुलिस का विरोध कर रहे थे। शिकायत में सूचना प्रौद्योगिकी, आईटी अधिनियम के साथ-साथ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की संबंधित धाराओं के तहत पुलिस कर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने और कार्रवाई करने की मांग की गई है। आयोग ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और पुलिस को नोटिस जारी करते हुए मामले की जांच की। एनसीपीसीआर के अध्यक्ष द्वारा दी गई शिकायत पर पीएसी तिलजला में दर्ज प्राथमिकी दर्ज कराई गई और दोषी पाए गए अधिकारियों/कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की स्थिति सहित पूरे मामले की विस्तृत रिपोर्ट की मांग की। उल्लेखनीय है कि एनसीपीसीआर एक वैधानिक निकाय है, जिसके पास बाल-निश्चित कानून जैसे यौन रुझान से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो ), किशोर न्याय, शिक्षा का अधिकार (आरटीई) आदि के कार्यान्वयन की निगरानी सहित बच्चों के अधिकारों का संरक्षण के लिए एक जनादेश है। एनसीपीसीआर बच्चों के अधिकारों के उल्लंघन से संबंधित किसी भी मामले में शिकायत के आधार पर स्वयं जांच करने के लिए कानूनी रूप से अधिकृत है। आयोग ने कहा कि जिस कमरे में एनसीपीसीआर टीम ने पीड़िता के माता-पिता से बात की उस कमरे में वीडियो कैमरा लगाना और पीड़िता की पहचान करना भी नैतिक रूप से गलत है।...////...
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