हांगझाऊ, 19 सितंबर (संवाददाता) ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने से लेकर विश्व कप हासिल करने तक पिछली एक सदी के दौरान अधिकांश समय हॉकी के शिखर पर रहने के बावजूद भारतीय टीम की विश्व की नंबर एक टीम बनने की हसरत फिलहाल पूरी नहीं हो सकी है। एक जमाने में हॉकी में भारत का डंका बजता था और उसके सामने प्रतिद्वंदी टीम का टिक पाना बेहद मुश्किल समझा जाता था मगर समय के साथ पश्चिम के देशों ने भी हाकी में खुद को स्थापित किया। इस बीच रैकिंग प्रणाली 2003 में अस्तित्व में आयी। नई रैंकिंग प्रणाली लागू होने के बाद से पिछले कुछ वर्षों में भारतीय हॉकी टीम की रैंकिंग में उतार-चढ़ाव आया है। 2003 में हॉकी रैंकिंग प्रणाली शुरू होने पर पुरुष टीम छठे स्थान पर थी। उसी साल भारत ने चिरप्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को हराकर पहली बार एशिया कप जीता।...////...