नयी दिल्ली 10 अगस्त (संवाददाता) सिन्धी भाषा के विशेषज्ञ प्रो. लछमन हर्दवाणी का महाराष्ट्र के पुणे में बुधवार को निधन हो गया। वह 90 वर्ष के थे। देवनागरी लिपि परिषद के महासचिव डाॅ. हरि सिंह पाल ने बृहस्पतिवार को यहां बताया कि प्रो. हर्दवाणी के देवनागरी लिपि के पुरोधा थे और वह मानते थे कि राष्ट्रीय एकता में देवनागरी एक कारगर उपकरण है। वह सिन्धी भाषा को लगातार देवनागरी लिपि में लिखने पर जोर देते रहे। महाराष्ट्र राज्य सिन्धी साहित्य अकादमी ने प्रो. हर्दवाणी को “साहित्य जीवन गौरव पुरस्कार” से सम्मानित करने का फैसला किया लेकिन सिन्धी अकादमी द्वारा देवनागरी लिपि को सिन्धी भाषा की लिपि स्वीकार नहीं करने के कारण इसे ठुकरा दिया। यह पुरस्कार नौ अगस्त को प्रदान किया जाना था। इस पुरस्कार में एक लाख रुपए नकद और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाता है।...////...