25-Oct-2022 01:43 PM
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इस्लामाबाद, 25 अक्टूबर (संवाददाता) पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री एवं पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान ने देश में संस्थाओं द्वारा संविधान के उल्लंघन के आरोपों के मद्देनजर शीर्ष न्यायपालिका से हस्तक्षेप की मांग की है।
डान न्यूज की मंगलवार की एक रिपोर्ट के अनुसार श्री खान ने सोमवार को यहां जारी बयान में अविश्वास प्रस्ताव का जिक्र करते हुए कहा कि जनता ने विदेशी उकसावे पर सत्ता परिवर्तन की साजिश को देखा जिसने पाकिस्तान को अराजकता में धकेल दिया।
उन्होंने कहा कि इस सब के बावजूद शीर्ष न्यायपालिका ने दूरी बनाकर रखी। श्री खान ने हस्तक्षेप का आग्रह करते हुए कहा, “न्यायपालिका राज्य के संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कब कदम उठाएगी जबकि सभी कानूनों की अवहेलना हो रही हैं तथा संविधान का उल्लंघन हो रहा हैं। हमारी शीर्ष न्यायपालिका संविधान में निहित हमारे नागरिकों के मौलिक अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए कब कार्य करेगी। ”
श्री खान ने कहा कि सही समय पर उन्होंने ज्यादतियों से बचाव किया। उन्होंने कहा,“ हमने नागरिकों, राजनेताओं, पत्रकारों और मानवाधिकार रक्षकों को आतंकवाद और विद्रोही के आरोप में धमकाते और गिरफ्तार करते हुए देखा है। ”
श्री खान ने पीटीआई नेताओं के खिलाफ कई मामलों का जिक्र करते हुए कहा कि हम देखते हैं कि विभिन्न कार्यकारी शाखाओं द्वारा फर्जी मामले और सत्ता का दुरुपयोग बढ़ रहा है।
उन्होंने केन्या में वरिष्ठ पत्रकार अरशद शरीफ की हत्या की न्यायिक जांच की भी मांग की।
रिपार्ट में बताया गया है कि इस बीच, पीटीआई विधायकों ने गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह को विशेषाधिकार समिति में बुलाकर पीटीआई के एमएनए सालेह मुहम्मद की गिरफ्तारी और उपचार के बारे में बताने की मांग की।
उन्होंने पीटीआई विधायक की गिरफ्तारी पर चर्चा करने के लिए एक बैठक की और नेशनल असेंबली के अध्यक्ष राजा परवेज अशरफ से आंतरिक मंत्री और इस्लामाबाद के पुलिस महानिरीक्षक को स्पष्टीकरण के लिए समिति में तलब करने का आग्रह किया।
उल्लेखनीय है कि एमएनए सालेह मुहम्मद को पाकिस्तान के चुनाव आयोग के बाहर सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात एक पुलिस दल पर कथित रूप से गोली चलाने के आरोप में आतंकवाद के आरोप के तहत गिरफ्तार किया गया था।...////...