19-Sep-2023 09:57 PM
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नयी दिल्ली, 19 सितंबर (संवाददाता) लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की पहल पर नये संसद भवन में सदन के कामकाज में कागज का उपयोग कम करने के लिए सांसदों को विधेयकों एवं अन्य संसदीय दस्तावेज डिजीटल प्रारूप में उपलब्ध कराने का फैसला किया है। लोकसभा सचिवालय के सूत्रों के अनुसार श्री बिरला ने नयी संसद के निर्माण शुरू होने के समय ही डिजीटल कामकाज को बढ़ावा देने के लिए नवीनतम सूचना प्रौद्योगिकी उपकरणों के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए कई कदम उठाए। सूत्रों के अनुसार संसदीय दस्तावेज सदस्यों के पोर्टल पर अपलोड किए जाते हैं और पिछले तीन वर्षों में सदस्य आसानी से इन्हें डाउनलोड करके इनका उपयोग कर रहे हैं। बल्कि संसद सदस्यों ने डिजीटल तकनीक की मदद से विधेयकों और अन्य संबंधित दस्तावेजों की जांच और अध्ययन के बाद कई महत्वपूर्ण कानून पारित किए हैं। सूत्रों ने कहा कि पोर्टल का उपयोग करना बहुत आसान है और इसके प्रभावी उपयोग के लिए सदस्यों और उनके निजी कर्मचारियों को समय-समय पर प्रशिक्षण दिया जाता है। सितंबर-2020 से ही इस सुविधा का उपयोग किया जा रहा है और यह पहल पर्यावरण-अनुकूल और पेपरलेस कार्यस्थल को बढ़ावा देने की संसद की प्रतिबद्धता के अनुरूप है। फिर भी, जब कभी सचिवालय के समक्ष सदस्यों द्वारा कोई मांग रखी जाती है तो उन सदस्यों को संसदीय दस्तावेजों और विधेयकों की काग़ज़ी प्रतियां भी उपलब्ध कराई जाती हैं। सूत्रों ने बताया कि वर्ष 2020 से सुस्थापित प्रथा को ध्यान में रखते हुए, संविधान (128वां संशोधन) विधेयक (नारी शक्ति वंदन विधेयक 2023) की डिजिटल कॉपी सदस्यों के पोर्टल पर पहले ही अपलोड कर दी गई थी। इसके अलावा, संसद के नए भवन में, इस विधेयक को लोकसभा कक्ष में प्रत्येक सदस्य के लिए उपलब्ध कराए गए आधुनिक डेस्कटॉप डिजीटल मल्टी-मीडिया यूनिट पर भी अपलोड किया गया था। इस प्रकार सभी सदस्यों के लिए संवैधानिक संशोधन विधेयक उपलब्ध था जो उनके डेस्कटॉप उपकरणों पर अपलोड किया गया था। इसके अलावा, जब भी मांग की गई, उन सदस्यों को काग़ज़ी प्रतियां भी उपलब्ध कराई गईं।...////...