02-Dec-2021 12:42 PM
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इस्लामाबाद, 02 दिसबंर (AGENCY) पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को इमरान खान सरकार की भर्ती नीति पर सवाल उठाया है, जिसमें केवल राजनीतिक के आधार पर रिक्तियों सृजित की जा रही है, जबकि पिछले एक दशक में नौकरियां चले जाने के बाद लोग बेरोजगारी का दर्द झेल रहे हैं।डॉन समाचार पत्र की रिपोर्ट के मुताबिक न्यायमूर्ति उमर अता बंदियाल ने शीर्ष न्यायालय के पांच न्यायाधीशों की पीठ की अध्यक्षता करते हुए कहा, “न्यायालय के समक्ष निर्धारण के लिए वास्तविक प्रश्न यह है कि क्या संसद द्वारा एक अधिनियम के माध्यम से अन्य लोगों के साथ भेदभाव करके ऐसा लाभ दिया जा सकता है जो पहले से ही एक नियमित पद पर काम कर रहे हैं?”पीठ ने अदालत के 17 अगस्त के फैसले की समीक्षा की मांग वाली याचिकाओं पर बात की, जिसमें लगभग 17,000 सरकारी कर्मचारियों को बेरोजगार होने का जिक्र था।शीर्ष न्यायालय ने आगे की कार्यवाही 06 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी और ऐसे संकेत दिये कि दिन-प्रतिदिन की सुनवाई के बाद अगले सप्ताह किसी एक निर्णय पर बात बन सकती है। इस दौरान न्यायालय ने वरिष्ठ अधिवक्ता रजा रब्बानी के उस बात की अनदेखी कर दी गई, जिसमें उन्होंने न्यायालय द्वारा पहले दिए गए आदेश के सिलसिले में कहा था, जिन कर्मचारियों पर बात चल रही है, उन्हें चिकित्सा संबंधी सुविधाएं मुहैया कराई गई थी क्योंकि मामले पर फैसला आने तक ये कई तरह की बीमारियों से ग्रसित हो चुके थे।...////...