महबूबा ने सीजेआई से अनुच्छेद 370 पर जल्द सुनवाई का किया आग्रह
01-Jul-2023 07:31 PM 1234665
श्रीनगर 01 जुलाई (संवाददाता) जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ से अनुच्छेद 370 से संबंधित याचिकाओं पर शीघ्र सुनवाई सुनिश्चित करने का आग्रह किया। सीजेआई चंद्रचूड़ इस समय जम्मू-कश्मीर में हैं और शुक्रवार को उन्होंने श्रीनगर में कानूनी सेवा प्राधिकरण की 19वीं अखिल भारतीय बैठक की अध्यक्षता की। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख मुफ्ती ने सीजेआई को याद दिलाया कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के खिलाफ कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित हैं। सुश्री महबूबा ने श्रीनगर में संवाददाताओं से कहा, “हम खूबसूरत घाटी में सीजेआई का तहे दिल से स्वागत करते हैं और उन्हें अनुच्छेद 370 और विशेष दर्जा बनाए रखने के लिए जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ देश के लोगों की प्रतिबद्धता की याद दिलाना चाहते हैं।” उन्होंने कहा कि 2019 में भाजपा ने ‘असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक तरीके से’ विशेष दर्जे को खत्म कर दिया, बावजूद इसके कि सुप्रीम कोर्ट ने कई फैसले दिए थे कि जब तक जम्मू-कश्मीर संवैधानिक सभा इसके लिए सिफारिश नहीं करती तब तक इसमें कोई छेड़छाड़ नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा,“.. उन्होंने (भाजपा ) जो कुछ भी किया, वह गलत और अवैध था। हम मुख्य न्यायाधीश को याद दिलाना चाहते हैं कि पिछले चार वर्षों से कई याचिकाएं (अनुच्छेद 370 को चुनौती देने वाली) सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं। ...हम सीजेआई से इन याचिकाओं पर शीघ्र सुनवाई का आग्रह करते हैं।” जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शुक्रवार को श्रीनगर में कानूनी बैठक को संबोधित करते हुये कहा कि पांच अगस्त, 2019 को नरेंद्र मोदी सरकार ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 370 और 35ए को निरस्त कर दिया तथा जम्मू-कश्मीर की विशेष स्थिति को समाप्त कर दिया। राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) में भी विभाजित किया गया था। उन्होंने जम्मू-कश्मीर की विशेष संवैधानिक स्थिति को खत्म करने के केंद्र के कदम की सराहना की। कार्यक्रम की अध्यक्षता सीजेआई ने अध्यक्षता की थी। उपराज्यपाल ने कहा,“जम्मू-कश्मीर में, लगभग सात दशकों तक अनुच्छेद 370 ने केंद्रीय कानूनों को समाज के एक बड़े वर्ग को लाभ पहुंचाने से रोका। इसने समाज के एक बड़े वर्ग को वैध नागरिकता के लाभ से भी वंचित कर दिया था। अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से सामाजिक समानता और समावेशी विकास सुनिश्चित हुआ।” उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 और 35ए को निरस्त करने से जम्मू-कश्मीर में ऐतिहासिक सुधार और एक नया युग आया।...////...
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