लगभग 56 घटें चली विधानसभा की कार्यवाही, 243 ने रखी अपनी बात
01-Jun-2022 05:27 PM 1234671
लखनऊ 01 जून (AGENCY) उत्तर प्रदेश में 18वीं विधानसभा के पहले सत्र की कार्यवाही बगैर व्यवधान के 55 घंटे 57 मिनट तक चली और इसमें 243 सदस्यों को अपनी बात सदन के पटल पर रखने का मौका दिया गया। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने बुधवार को यहां पत्रकारों को बताया कि सत्र में ई-विधान की व्यवस्था प्रारम्भ की गयी और आश्चर्यजनक रूप से लगभग सभी सदस्यों ने नई तकनीक का उपयोग किया एवं ई-विधान के माध्यम से ही विधान सभा में अपनी कार्यवाही सम्पादित की। विधान सभा में कार्यवाही पहली बार लगभग पेपरलेस रूप से संचालित हुई। इस सत्र में छह महत्वपूर्ण विधेयक पारित किए गए। सत्र में आठ उपवेशन हुए। सदन की कार्यवाही 55 घण्टे 57 मिनट चली। 18वीं विधान सभा के प्रथम सत्र में सबसे अच्छी बात यह रही कि इसमें सदन बाधित नहीं हुआ। आठ दिन के उपवेशन में तीन अल्पसूचित प्रश्न, 439 तारांकित प्रश्न और 1524 अतारांकित प्रश्न प्राप्त हुए। जितने भी तारांकित प्रश्न प्रतिदिन लगाए गए थे, वह लगभग सभी ले लिये गये, जो कि अपने आप में एक रिकार्ड है। पिछली कई विधानसभाओं में 5-6 से ज्यादा प्रश्न नहीं लिये जा पाते थे। उन्होने बताया कि इसी प्रकार नियम-51 एवं नियम-301 की सूचनाओं की संख्या भी इस सदन में बढ़ी हैं। नियम-301 के अन्तर्गत 489 सूचनायें प्राप्त हुई, जिनमें से 248 सूचनायें स्वीकार की गईं। सामान्य रूप से 15 सूचनायें ही स्वीकार की जाती थीं। कार्यस्थगन के नियम-56 के अन्तर्गत भी 36 सूचनायें प्राप्त हुईं, जिनमें से तीन सूचनायें ग्राह्य की गईं एवं अन्य पर ध्यान आकर्षण किया गया। श्री महाना ने बताया कि संसदीय कार्यमंत्री समेत सत्ता पक्ष के कुल 76 और प्रतिपक्ष से 49 सदस्य यानी कुल 125 सदस्यों ने अपने विचार प्रकट किये। इसी प्रकार राज्यपाल अभिभाषण पर सत्ता पक्ष के कुल 68 सदस्यों एवं प्रतिपक्ष से 50 सदस्यों ने यानी कुल 118 सदस्यों ने अपने विचार प्रकट किये। बजट भाषण पर सत्ता पक्ष की ओर से कुल 07 घंटा 41 मिनट एवं विपक्ष की ओर से कुल 06 घंटा 07 मिनट चर्चा की गई। इस प्रकार 243 सदस्यों द्वारा सदन को सम्बोधित किया गया, जो कि अपने आप में एक रिकार्ड है। अध्यक्ष ने बताया कि इस सत्र में कुछ नई परम्परायें भी प्रारम्भ की गईं, जैसे कि सत्र के दौरान जिन सदस्यों का जन्मदिन था, उनको सदन के अन्दर ही बधाई दी गयी। 18वीं विधान सभा में उल्लेखनीय संख्या में डॉक्टर्स, इंजीनियर्स, प्रबन्ध तंत्र की शिक्षा ग्रहण किए हुए, कृषि एवं अन्य विधाओं के विभिन्न सदस्य निर्वाचित होकर आए हैं। इन सदस्यों को अलग-अलग समूहों में बैैठाकर उनको अलग से भोजन पर आमंत्रित करके उनसे विभिन्न विषयों पर चर्चा की गयी ताकि उनकी शिक्षा से विधान सभा को किस प्रकार से लाभान्वित किया जा सके। इस प्रकार की यह पहल देश में पहली बार की गयी है।...////...
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