26-Apr-2022 03:48 PM
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नयी दिल्ली, 26 अप्रैल (AGENCY) छोटी खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को संगठित रूप से काम करने की दिशा में प्रोत्साहित करने की योजना पीएमएफएमई के तहत जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में अखरोट के प्रसंस्करण तथा मूल्यसंवर्धन पर आधारित कार्यशाला में 300 किसानों ने भाग लिया।
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय आज़ादी का अमृत महोत्सव पर्व के तहत इस योजना को लेकर ‘किसान भागीदारी प्राथमिकता हमारी अभियान’ चला रहा। इस में ‘एक जिला, एक उत्पाद’ (ओडीओपी) को लेकर कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं। यह अभियान 25 से 30 अप्रैल तक चलेगा।
मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री फार्मलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइसेज (पीएमएफएमई) योजना के तहत इस कार्यक्रम का उद्देश्य सभी खाद्य-तकनीक हितधारकों के लिये ऐसा मंच प्रदान करना है जहां वे किश्तवाड़ जिले में अखरोट के प्रसंस्करण में नई तकनीकों के बारे में जान सकें और चर्चा कर सकें। इसका उद्घाटन किश्तवाड़ के उपायुक्त अशोक कुमार शर्मा ने किया।
जम्मू-कश्मीर के उद्यान विज्ञान (योजना और विपणन) निदेशक विशेष पॉल महाजन ने कहा कि सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के महत्त्व को रेखांकित किया और कहा कि यह क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था को गति देने वाला क्षेत्र है तथा पीएमएफएमई योजना के जरिये सरकार देश में खाद्य प्रसंस्करण को प्रोत्साहित करने के लगातार प्रयास कर रही है।
कार्यशाला में बड़े उद्यमी भी शामिल हुए जिन्होंने सूक्ष्म-उद्यमों और किसानों के बारे में अपने विचार प्रकट किये, ताकि घरेलू तथा विश्वस्तर पर खरोट-आधारित उत्पादों को बढ़ावा मिल सके। जिल उद्योग केंद्र किश्तवाड़ के महाप्रबंधक खालिद मलिक ने सूक्ष्म-उद्यमियों के लिये अवसर और सक्षम प्रौद्योगिकी विषय पर एक सत्र का संचालन किया। इसी तरह शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के खाद्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रभाग के प्रमुख डॉ. सईद ज़मीर हुसैन ने जम्मू-कश्मीर, विशेषकर किश्तवाड़ जिले में अखरोट के प्रसंस्करण और मूल्यसंवर्धन के लिये भावी रणनीतियां और संभावनायें विषय पर एक सत्र का संचालन किया।
कार्यक्रम में केंद्र शासित प्रदेश के लगभग 300 किसानों, बागबानों और सरकारी अधिकारियों सहित खाद्य प्रसंस्करण सूक्ष्म-उद्योगों के लोगों ने हिस्सा लिया।...////...