02-Apr-2023 09:59 PM
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झांसी 02 अप्रैल (संवाददाता) उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने आज बुंदेलखंड के किसानों की मदद के लिए सरकार द्वारा किये जा रहे विशेष प्रयासों को रेखांकित करते हुए किसानों से ज़ायद की फसल पर ध्यान आकर्षित करने की बात कही। यहां ग्वालियर रोड स्थित भारतीय चरागाह एवं चारा अनुसंधान संस्थान में आज से शुरू हुई दो दिवसीय “ किसान गोष्ठी एवं कार्यशाला” का शुभारंभ शुभारंभ करते हुए कृषि मंत्री ने कहा“ माननीय प्रधानमंत्री एवं माननीय मुख्यमंत्री जी का यह स्वप्न एवं प्रतिबद्धता है कि बुंदेलखंड की गरिमा एवं गौरव को सदैव जीवंत रखा जाए। जलवायु संबंधी एवं प्राणघातक बीमारियों से बचाव हेतु श्रीअन्न का सेवन हमारे लिए अति आवश्यक है। किसान भाइयों को जायद की फसल की पैदावार पर भी अपना ध्यान आकर्षित करना चाहिए, इसके लिए कृषकों को उचित सब्सिडी पर जायद की फसल के बीज मुहैया कराए जाएंगे। सरकार का उद्देश्य किसानों को दिन प्रतिदिन खुशहाल बनाना है इस कार्य में किसान भाई भी अपना सहयोग प्रदान करें।” उन्होंने अन्ना पशुओं की समस्या के निस्तारण हेतु उन्होंने किसानों से अपील की कि वह अपने गोवंश को अपने खेतों पर ही रखें, जिससे गोवंश का गोमूत्र एवं गोबर का प्रयोग खेतों में ही हो एवं फसल की उत्पादन क्षमता तथा मिट्टी की उर्वरता क्षमता में वृद्धि हो सके। किसान गोष्ठी में मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन दुर्गा शंकर मिश्र ने कहा “ बुंदेलखंड एवं विंध्य क्षेत्र हमारे प्रदेश के ऐसे क्षेत्र हैं, जहां पर पुराने समय से अनेक समस्याएं रही हैं। बुंदेलखंड में पानी के संरक्षण के अभाव में इस क्षेत्र में बारिश का सारा पानी बह जाता है, जिससे यहां पर पानी की समस्या निरंतर बनी रहती है। इस समस्या के निदान हेतु हमें जल संरक्षण और प्राकृतिक खेती की दिशा में कार्य करने वाले किसानों का उत्साहवर्धन करते हुए समय-समय पर उन्हें पुरस्कृत करना चाहिए, जिससे उनकी भांति अन्य नागरिक भी जल के मूल्य को समझते हुए जल संरक्षण की दिशा में कार्य करने हेतु प्रेरित हो सकें।” अपर मुख्य सचिव देवेश चतुर्वेदी ने कहा “ माननीय प्रधानमंत्री जी के प्रयासों से वर्ष- 2023 को पूरे विश्व में “ अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष” घोषित किया गया है, यह हमारे लिए अत्यधिक गौरव की बात है।” उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड में प्राकृतिक कृषि को बढ़ावा देने की दिशा में सभी को एकजुट होकर कार्य करना होगा, जिससे इस क्षेत्र के किसानों को जलवायु परिवर्तन से प्रभावित ना होना पड़े। जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने जनपद में जैविक खेती पर किए जा रहे अभिनव प्रयास के बारे में जानकारी प्रदान करते हुए कहा कि जनपद में लगभग 05 लाख हेक्टेयर भूमि पर कृषि कार्य किया जाता है, जिसमें रबी की फसल और खरीफ की फसल की खेती की जाती है। उन्होंने बताया कि 1800 हेक्टेयर में श्रीअन्न की खेती की जाती है, जिसमें से 1770 हेक्टेयर में जनपद में ज्वार की फसल बोई जाती है। 6000 हेक्टेयर में जनपद में आधुनिक कृषि की जाती है। किसानों की आय को दोगुना करने के लिए प्राकृतिक खेती, औधानिक खेती एवं श्रीअन्न की फसल को बढ़ावा देने हेतु जिला प्रशासन द्वारा कृषकों के कल्याण के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। कार्यशाला के शुभारंभ अवसर पर सर्वप्रथम अतिथियों द्वारा कृषि विश्वविद्यालय परिसर में मिलेट्स को बढ़ावा देने, प्राकृतिक खेती आधारित फसलों एवं औधानिक फसलों संबंधी विभिन्न विभागों द्वारा लगाई गई स्टॉलों का अवलोकन किया गया। इसके उपरांत अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन कर दो दिवसीय किसान गोष्ठी का शुभारंभ किया गया। तत्पश्चात अतिथियों को तुलसी का पौधा एवं पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया गया। किसान गोष्ठी के अवसर पर झांसी मंडल क्षेत्र में अभिनव कार्य करने वाले किसानों को अतिथियों द्वारा प्रशस्ति-पत्र एवं चितेरी गमछा भेंट कर सम्मानित किया गया। किसान गोष्ठी के अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष पवन कुमार गौतम, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश एस़, उपाध्यक्ष झांसी विकास प्राधिकरण आलोक यादव, मुख्य विकास अधिकारी जुनैद अहमद, संयुक्त कृषि निदेशक डॉ राजीव कुमार, नगर मजिस्ट्रेट अंकुर श्रीवास्तव, जिला विकास अधिकारी सुनील कुमार , डीडी कृषि एमपी सिंह,सहित अन्य संबंधित अधिकारी गण तथा भारी संख्या में किसान भाई उपस्थित रहे।...////...