26-Sep-2021 04:15 PM
1234684
जयपुर । मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने शासन सचिवालय में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि प्रदेश में डीजल के नाम पर बिक्री होने वाले नकली या अवैध बायोडीजल पर नियंत्रण किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि नकली व अवैध बायोडीजल से मानव स्वास्थ्य को खतरा होने के साथ-साथ राज्य सरकार को राजस्व की हानि होती है। साथ ही अवैध व्यापार से जुड़े अपराधों में भी वृद्धि होती है। इसलिए बायोडीजल के नाम पर बेचे जा रहे नकली डीजल पर नियंत्रण किया जाना चाहिए। आर्य ने निर्देश दिए कि खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग, ग्रामीण विकास विभाग एवं अन्य विभागों के समन्वय से अवैध और नकली बायोडीजल की समस्या का समाधान किया जाना चाहिए। बैठक में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के शासन सचिव नवीन जैन ने बताया कि प्रदेश में 11 बायोडीजल निर्माता और 57 बायोडीजल रिटेल आउटलेट पंजीकृत हैं। उन्होंने बताया कि अनाधिकृत पंपों पर बायोडीजल के नाम पर बेस ऑयल, एम.टी.ओ. या पेराफिन की बिक्री की जाती है। इसके अलावा पड़ोसी राज्यों से प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में डीजल की अवैध तस्करी और खरीद की जाती है। इस पर चूरू, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर एवं जैसलमेर में अवैध पंपों को तत्काल बंद करवाने के लिए पत्र जारी किए गए। साथ ही अजमेर, पाली जोधपुर और जयपुर जिलों में अवैध और नकली डीजल बेचने वाले अवैध पंपों के विरूद्ध कार्यवाही की गई। शासन सचिव ने बताया कि इस संदर्भ में खाद्य विभाग द्वारा कुल 139 प्रकरण दर्ज किए गए और लगभग 5 लाख 64 हजार 157 लीटर अवैध डीजल एवं बायोडीजल जप्त किया गया। साथ ही उपभोक्ता मामले विभाग के विधिक माप विज्ञान प्रकोष्ठ द्वारा राज्य में विभिन्न तेल कंपनियों के कुल 157 डोर टू डोर बाउजऱ पर स्टाम्पिंग की कार्यवाही भी की गई।
biodiesel..///..it-is-necessary-to-control-illegal-and-fake-biodiesel-arya-319716