30-Aug-2022 06:42 PM
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जोधपुर, 30 अगस्त (संवाददाता) राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्द्धन आज की प्राथमिक जरूरत बताते हुए इसके लिए हर स्तर पर भागीदारी निभाने के लिए आगे आने का आह्वान किया हैं।
श्री गहलोत ने आज यहां पद्मश्री कैलाश सांखला स्मृति वन में वन विभाग की ओर से आयोजित 73वें राज्य स्तरीय वन महोत्सव का शुभारंभ के अवसर पर यह आह्वान किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पर्यावरण और प्रकृति के संतुलन को बनाए रखने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया इस बारे में चिन्तित है। श्री गहलोत ने कहा कि इस दिशा में किए जा रहे प्रयासों और पर्यावरण चेतना में भागीदारी का संदेश नई पीढ़ी तक पहुंचाना जरूरी है।
श्री गहलोत ने कहा कि इन विकास कार्यों से प्रकृति की गोद में स्थित कैलाश सांखला स्मृति वन देश-दुनिया में अपनी अनूठी पहचान कायम करेगा। पर्यटकों का आकर्षण बढ़ेगा और जोधपुर के लिए नवीन पर्यटन स्थल विकसित होगा। उन्होंने कहा कि इसके विकास में जनभागीदारी से विभिन्न संगठनों, स्वयंसेवी संस्थाओं आदि के माध्यम से व्यापक स्तर पर वृक्षारोपण किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने स्मृति वन में पौधों के संरक्षण के लिए अपील की। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र की बेरी गंगा से संबंधित समस्याओं का हल वन विभाग ने कर दिया है।
उन्होंने कहा कि टाईगर मैन पद्मश्री कैलाश सांखला बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे। उन्होंने बचपन में साथ बिताए क्षणों की यादें ताजा की। श्री गहलोत ने कहा कि प्रदेश में वन संरक्षण एवं संवर्द्धन की दिशा में वन विभाग द्वारा संतोषजनक कार्य किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण रक्षा के क्षेत्र में मारवाड़ की अहम भूमिका रही है।उन्होंने कहा कि खेजड़ली में वृक्षों की रक्षा के लिए दिया गया बलिदान देश-दुनिया में पर्यावरण संरक्षण के लिए एक असाधारण एवं ऐतिहासिक घटना थी।
श्री गहलोत ने सड़कों के रख-रखाव के लिए स्थानीय निकायों को विशेष अनुदान का आश्वासन भी दिया। इसके साथ ही फीडबैक के आधार पर सभी प्रकार के विकास कार्य कराए जाएंगे। उन्होंने कहा कि आईटी क्षेत्र के माध्यम से युवाओं को सुनहरा भविष्य प्रदान करने के लिए जोधपुर में फिनटेक यूनिवर्सिटी की स्थापना की जा रही है। चिकित्सा, शिक्षा एवं सामाजिक सुरक्षा की विभिन्न योजनाएं संचालित हैं और अब राजस्थान को मॉडल स्टेट माना जाता है।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर पौधारोपण किया और स्मृति वन में पांच करोड़ रूपए की लागत से बनने वाले बोटेनिकल गार्डन एवं दो करोड़ रूपए की लागत से स्थापित होने वाली लव-कुश वाटिका का शिलान्यास किया। उन्होंने इस अवसर पर वन विभाग की ओर से लगाई गई वृहद् प्रदर्शनी का अवलोकन किया और विभागीय गतिविधियों की जानकारी ली। साथ ही स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित हस्तशिल्प उत्पादों, वनौषधियों, वनोपज, हर्बल उत्पादों आदि का अवलोकन किया।
इस अवसर पर वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री हेमाराम चौधरी एवं प्रभारी मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने भी पने विचार व्यक्त किए।...////...