04-Nov-2022 07:11 PM
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पेरिस, 04 नवंबर (संवाददाता) फ्रांस की संसद में शुक्रवार को कामकाज उस समय ठप हो गया जब एक दक्षिणपंथी सांसद ने
“ अफ्रीका वापस जाओ” का नारा लगाया।
सांसद ने जब नारा लगाया उस समय उनके अश्वेत सहयोगी आव्रजन के बारे में चर्चा कर रहे थे। इस तरह की टिप्पणी के खिलाफ उन पर प्रतिबंध लगाये जाने की संभावना है।
नेशनल रैली (आरएन) के सदस्य ग्रेगोइरे डी फोरनास ने बाद में गुरुवार को कहा कि उनकी टिप्पणी का उद्देश्य खुद कार्लोस मार्टेंस बिलोंगो नहीं बल्कि समुद्र के रास्ते यूरोप पहुंचने की कोशिश कर रहे प्रवासियों पर था।
बिलोंगो ने कहा कि उनका जन्म फ्रांस में हुआ है और यह टिप्पणी “शर्मनाक” है।
बीबीसी के अनुसार प्रधान मंत्री एलिजाबेथ बोर्न ने कहा कि “नस्लवाद के लिए कोई जगह नहीं है”।
लिबरल पार्टी के नेता ने संवाददाताओं से कहा कि फ्रांसीसी असेंबली नेशनेल ब्यूरो शुक्रवार को बैठक करेगा और “आवश्यक प्रतिबंध ” पर पर फैसला करेगा।
बिलोंगो हाल के दिनों में समुद्र में बचाए गए 234 प्रवासियों के लिए एसओएस भूमध्यसागरीय (एक गैर-सरकारी संगठन) के अनुरोध के बारे में सरकार से सवाल कर रहा थे ।
जब डी फोरनास ने अपनी टिप्पणी की स्पीकर याल ब्रौन-पिवेट ने यह जानने की मांग की कि किसने बात की थी। फिर, जब सांसदों ने “आउट.. आउट.. आउट.. ” का नारा लगाया, तो उन्होंने यह घोषणा करते हुए सत्र को स्थगित कर दिया, “यह संभव नहीं है।”
वामपंथी पार्टी फ्रांस अनबोएड (एलएफआई) के एक सांसद बिलोंगो ने कहा: “आज यह मेरी त्वचा के रंग में वापस आ गया है। मैं फ्रांस में पैदा हुआ था, मैं एक फ्रांसीसी सांसद हूं।”
बीबीसी ने बताया कि डी फोरनास ने अपनी टिप्पणी का बचाव करते हुए कहा कि वह “यूरोप में प्रवासियों को ले जाने वाली नाव” का जिक्र कर रहे थे, लेकिन बाद में उन्होंने बिलोंगो से “गलतफहमी” के लिए माफी मांगी और अपनी टिप्पणियों के लिए खेद प्रकट किया।...////...