11-Feb-2022 05:20 PM
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बेंगलुरु, 11 फरवरी (AGENCY) आईपीएल के लिए बड़ी नीलामी 12 और 13 फ़रवरी को बेंगलुरु के आईटीसी होटल गार्डेनिया में होगी जिसमें इस बार फ्रेंचाइजी टीमों की निगाहें भारतीय खिलाड़ियों पर रहेंगी।
खिलाड़ियों को रिटेन करने के बाद 10 टीमों के पास अलग-अलग राशि बची हुई है। उनके पास एक मज़बूत टीम बनाने की पूरी नींव भी तैयार है। इस बार तो राइट-टू-मैच कार्ड भी उपलब्ध नहीं है, जिसके चलते पहले टीमों ने पांच खिलाड़ियों को बरक़रार रखा था। साथ ही उच्च स्तरीय विदेशी खिलाड़ियों की भरमार भी नहीं है। इसका अर्थ यह होगा कि इस बार सभी की निगाहें भारतीय खिलाड़ियों पर होगी। मार्की सेट छोटा है और जिन खिलाड़ियों के लिए टीमें तरस रही है, वह नीलामी में देरी से आएंगे। बेशक़ आईपीएल 2022 की नीलामी टीमों की रणनीति और तैयारी के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनकर आएगी। बड़ी बोलियां लगाने से पहले नीचे दिए गए कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर टीमों को ज़रूर ध्यान देना होगा।
चेन्नई सुपर किंग्स, मुंबई इंडियंस, कोलकाता नाइट राइडर्स और दिल्ली कैपिटल्स ने सर्वाधिक चार खिलाड़ियों को रिटेन किया है। राइट टू मैच कार्ड के ना होने से वे भी चैन की सांस नहीं ले सकते हैं। अब उन्हें अपनी पसंद के खिलाड़ी को दोबारा अपनी टीम में जोड़ने के लिए मोटे पैसे ख़र्च करने होंगे।
उदाहरणस्वरूप मुंबई को ही देखें , वह क्विंटन डिकॉक और इशान किशन की विकेटकीपर-बल्लेबाज़ों की जोड़ी को दोबारा ख़रीदना चाहेगी। जहां डिकॉक मार्की सूची का हिस्सा हैं वहीं किशन चौथे सेट में 32वें स्थान पर सूचीबद्ध हैं। अच्छा निर्णय यह होगा अगर मुंबई इन दोनों में से किसी एक खिलाड़ी को अपना लक्ष्य बनाए। लेकिन यह इतना आसान नहीं होगा और उन्हें बड़े पैसे चुकाने होंगे। क्रिकइंफ़ो की माने तो किशन इस नीलामी के सबसे महंगे खिलाड़ी बन सकते हैं। हालांकि अगर मुंबई डिकॉक को जाने देती है ताकि किशन के आने तक उनके पास अच्छी रक़म बची रहे, तो यह बहुत बड़ा दांव साबित हो सकता है। वह इसलिए कि अगर उस समय किसी अन्य टीम के पास मुंबई से अधिक पैसे हो, तो मुंबई को अपने दोनों सुपरस्टार खिलाड़ियों से हाथ धोना पड़ सकता है।
उसी तरह पिछले सीज़न से कैपिटल्स के चार प्रमुख खिलाड़ी शिखर धवन, रविचंद्रन अश्विन, श्रेयस अय्यर और कैगिसो रबादा मार्की सूची का हिस्सा हैं वहीं आवेश ख़ान 10वें सेट में शामिल किए गए हैं। रिटेन किए गए खिलाड़ियों के अलावा इन पांचों धुरंधरों ने दिल्ली के लिए पिछले साल शानदार प्रदर्शन किया था। मुंबई (48 करोड़ रुपये) की तरह दिल्ली के पास (47.5 करोड़ रुपये) भी अधिक राशि बची नहीं है। ये दोनों टीमें अपने किसी एक खिलाड़ी के लिए ज़ोर-शोर से बोलियां लगा सकती हैं, उन्हें समझना होगा कि अन्य टीमें भी उनके पीछे भागेंगी जिससे दाम बढ़ेगा। साथ ही विपक्षी टीमें भी जानबूझकर इन खिलाड़ियों का दाम बढ़ाएगी ताकि उनकी कुल राशि कम होती चली जाए। पिछली नीलामियों में प्रतिद्वंद्वी टीमों के पैटर्न को समझना और पहचानना, और पहली पसंद के खिलाड़ी के ना मिलने पर बैक-अप विकल्प तैयार रखने से टीमें हमेशा अपने विपक्ष से दो क़दम आगे रहेंगी।...////...